ग्वालियर। हाईकोर्ट ग्वालियर खंडपीठ ने पीएमटी फर्जीवाडा करने के मामले में नौ आरोपियों को इस शर्त पर जमानत दी है कि वे अपने घर के निकट के प्रायमरी स्कूल में स्वच्छता के लिए तथा वहां की मूलभूत सुविधाओं को बढाने के लिए स्वयंसेवक के रूप में कार्य करेंगे।
जिन लोगों को जमानत मिली है उन्होंने चिरायु मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा अधिकारियों की मिलीभगत से एमबीबीएस में पात्रता नहीं होने के बावजूद एडमिशन लिया था। इन सभी आरोपियों को न्यायालय ने पहले ही अग्रिम जमानत दे दी थी और ये आरोपी व्यापमं घोटाले की सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत में अग्रिम जमानत भर चुके थे। अब उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। चिरायु मेडिकल कॉलेज ने शासन कोटे की सीटों को गलत तरीके से रिक्त रखते हुए फर्जीवाडा किया था। इसमें प्रवेश पाने वाले छात्रों से मोटी रकम वसूल की गई थी। इस मोटी रकम के बदले योग्य छात्रों के हकों को छीना गया था। चिरायु मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस भ्रष्टाचार को एक दिन में अंजाम दिया था जबकि इस प्रक्रिया को पूरा करने में कम से कम एक माह लगता है।
सीबीआई ने कहा आरोपियों ने नहीं किया सहयोग
इस मामले में हाईकोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिए थे कि वह यह बताए कि क्या आरोपियों ने जांच के दौरान सहयोग किया था। इस पर सीबीआई की ओर से कहा गया कि आरोपियों ने कोई सहयोग नहीं किया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया था।
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