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बोकारो में बुद्ध पूर्णिमा पर निकाली गई भव्य शोभायात्रा

बोकारो 12 मई बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर कुशवाहा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के ओबीसी विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष कुशवाहा राकेश महतो के नेतृत्व में बोकारो की सड़कों पर भव्य झांकी निकाली गई। इस झांकी में भगवान बुद्ध के जीवन, विचारों और शिक्षाओं को प्रदर्शित किया गया, जिससे आमजन को शांति, अहिंसा और करुणा के महत्व से अवगत कराया गया। झांकी के माध्यम से भगवान बुद्ध के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। इस अवसर पर बुद्ध विचार मंच के अध्यक्ष प्रवीण कुमार, उपाध्यक्ष अजय कुमार, सह सचिव विजय कुमार, मृत्युंजय सिंह, अनिता सिंह, विजय लक्ष्मी, गणेश शर्मा, सरिता कुमारी, रेणु शर्मा, अवधेश प्रसाद कुशवाहा, अशोक महतो, महेंद्र प्रसाद सिंह, वीं. एन. मेहता और रामशरण प्रसाद सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। सभी ने एकमत होकर समाज में समरसता, सद्भाव और मानवता की भावना को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के नेतृत्वकर्ता और पेट्रोन मेंबर राकेश महतो ने भगवान बुद्ध के विचारों और दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज का समय एक ऐसे समाज की मांग कर रहा है जहां सभी को समान अवसर और सम्मानित मिले। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध का जीवन संघर्ष, ज्ञान और करुणा का प्रतीक है। उनके बताए हुए अष्टांगिक मार्ग, मध्यम मार्ग और पंचशील सिद्धांत आज भी सामाजिक न्याय और विश्व शांति की नींव हैं। राकेश महतो ने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें मनुवादी सोच को त्याग कर मानववादी विचारों को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि समाज को जात-पात, ऊंच-नीच और भेदभाव से ऊपर उठकर एक समतामूलक और न्यायपूर्ण व्यवस्था की ओर बढ़ना चाहिए। बुद्ध के आदर्शों पर चलकर ही हम एक सशक्त और समतामूलक भारत का निर्माण कर सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में सभी ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। झांकी के दौरान वातावरण 'बुद्धं शरणं गच्छामि' के जयघोष से गुंजायमान हो उठा। शोभायात्रा कुशवाहा भवन में खीर और पानी का घ् अशोक मोड़ पर अवधेश वर्मा द्वारा खीर और पानी ठंढा वितरण हुआ यहा से सर्किट हाउस बोकारो होते हुए सेक्टर 2 फिर‌ नया मोड़ सेक्टर 4 डॉ भीमराव अम्बेडकर की परिक्रमा कर बौद्ध विहार शोभायात्रा पहुंचने पर वहां के प्रबन्धन ने मंदिर का मुख्य द्वार बन्द करवा दिया फिर कुछ लडके गेट को धक्का देकर गेट खोल लिए और मंदिर में प्रार्थना की त्रसरण पाठ धम्म वाचण हुआ मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण एवं भोजन की व्यवस्था ढाई बजे होने की वजह से लोग बिना प्रसाद ग्रहण किए बिना भोजन के घर वापस हो गए ।मंदिर प्रबंधन के प्रति लोगों में आक्रोश‌था ।

Published on: 12/05/2025 02:19 PM

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